Add To collaction

तुम कहो तो सही मोहब्बत है

तुम कहो तो सही मोहब्बत है
 मैं जमाने की नफरत मिटा दूंगा
 तुम पूछो तो सही क्या हसरत है
 मैं जमाने को मोहब्बत सिखा दूंगा

तुम्हें पता ही नहीं तुम जिंदगी हो मेरी 
मेरे हौसलों में भरी ताजगी हो मेरी
 मैं बताता नहीं तुम समझती नहीं 
क्यों समझती नहीं तुम बताती भी नहीं
तुम बताओ तो सही क्या मुसीबत है
 मैं मुश्किलों पर चल कर दिखा दूंगा

तुम कहो तो सही मोहब्बत है
 मैं जमाने की नफरत मिटा दूंगा
 तुम पूछो तो सही क्या हसरत है
 मैं जमाने को मोहब्बत सिखा दूंगा

माना रंगों से भरी जिंदगी है गहरी
 पर ये चेहरे पर कैसे शिकन है उभरी
 क्या वजह है इस अधूरी हंसी की मजबूरी 
कुछ मिलता नहीं कर के समझौतों को मजदूरी
तुम कहो तो सही क्या शिकायत है
 मैं जमाने के शिकवे मिटा दूंगा

तुम कहो तो सही मोहब्बत है
 मैं जमाने की नफरत मिटा दूंगा
 तुम पूछो तो सही क्या हसरत है
 मैं जमाने को मोहब्बत सिखा दूंगा

तुम में तुम भी हो जमाना भी है 
तुमने गम भी है बहाना भी है
 तुम छुपाती हो जो मुझे है पता
 बिन सहारों के कहां चलती है लता
तुम इशारा तो करो इजाजत है
मैं जमाने की खुशियां लुटा दूंगा

तुम कहो तो सही मोहब्बत है
 मैं जमाने की नफरत मिटा दूंगा
 तुम पूछो तो सही क्या हसरत है
 मैं जमाने को मोहब्बत सिखा दूंगा

बादल भटकता रहा गवाह आकाश नीला 
ना शिकायत की ना कभी किया गिला 
राह में नदिया मिली सागर भी मिला 
पर सुकून तेरे चेहरे को देखकर मिला
तुम ऐलान तो करो बगावत हैं 
मैं जमाने में हिम्मत जगा दूंगा

तुम कहो तो सही मोहब्बत है
 मैं जमाने की नफरत मिटा दूंगा
 तुम पूछो तो सही क्या हसरत है
 मैं जमाने को मोहब्बत सिखा दूंगा

#chetanshrikrishna

   15
3 Comments

अदिति झा

17-Apr-2023 07:20 PM

Nice 👍🏼

Reply

लाजवाब लिखा

Reply